Tuesday, 28 April 2020
On April 28, 2020 by Bhadantacharya Buddhadatta Pali Promotion Foundation No comments
पालि सीखों टेलीग्राम से
(Learn Pali through Telegram)
अब आप घर बैठे पालि भाषा सीख सकते हैं. Virtual Learning या Online Learning के अंतर्गत अब आप टेलीग्राम एप्प के द्वारा पालि शिक्षण आरम्भ हो रहा है. इस हेतु भदन्ताचार्य बुद्धदत्त पालि संवर्धन प्रतिष्ठान (Bhadantacharya Buddhadatta Pali Promotion Foundation) द्वारा "पालि संवर्धन प्रतिष्ठान (Pali Promotion Foundation)" नामक ग्रुप आरम्भ किया जा रहा है. टेलीग्राम एप्प को Download करके नीचे दी गई लिंक के माध्यम से आप इस ग्रुप से जुड़कर आप निश्शुल्क पालि सीख सकते हैं.
पालि एक सरल भाषा है. ऑनलाइन पालि शिक्षण के माध्यम से आप घर में रहते हुए अपनी ऊर्जा का सदुपयोग करते हुए पालि का नया ज्ञान अर्जित कर सकते हैं या अपने ज्ञान को परिपक्व कर सकते हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए इस वर्चुअल या ऑनलाइन पालि शिक्षण का क्रम शुरू किया जा रहा है। आप 2-3 माह में अवश्य ही पालि में परिपूर्ण ज्ञान अर्जित कर पायेंगे। इस हेतु आपसे मेरी केवल एक ही गुजारिश है और इसके लिए सबसे आवश्यक भी है, वह है--धैर्य। आप धैर्य धारण करते हुए धीरे-धीरे पालि का अध्ययन शुरू करें और शीघ्र ही निम्नोक्त विषयों को जान पायेंगे तथा लाभान्वित होंगे-
- आप 20,000 से अधिक नवीन पालि के शब्द तथा उनका अर्थ को जान पायेंगे।
- 20,000 से अधिक नवीन पालि शब्दों का सभी विभक्तियों में शुद्ध और समुचित प्रयोग करने में सक्षम हो जायेंगे।
- पालि व्याकरण तथा भाषा-विज्ञान की बारीकियों और प्रयोग से सुपरिचित तथा दक्षता प्राप्त कर पायेंगे।
- 200 से अधिक धातुओं (क्रियापदों) का विविध कालों में सहजता और सरलता से प्रयोग करने में समर्थ हो जायेंगे।
- 10,000 से अधिक पालि वाक्यों को स्वयं बना पायेंगे और इसके पश्चात अनेक वाक्यों का निर्माण कर पायेंगे।
- पालि वन्दना, परित्त-पाठ तथा प्रातःकालीन वन्दना में संगायित गाथाओं या सुत्तों का बिना किसी अनुवाद के सीधे समझने में दक्षता प्राप्त कर लेंगे।
- पालि-भाषा में बातचीत कर पायेंगे तथा अपने मनोभावों और भावनाओं को प्रभावी तरीके से अभिव्यक्त करने में सक्षम हो सकेंगे।
किन्तु उक्त में सबसे बड़ा लाभ आपका ये होगा कि आप भगवान् बुद्ध की कल्याणकारी शिक्षाओं को समझने हेतु पालि-शिक्षण का एक मार्ग प्राप्त कर लेंगे। इसी प्रकार धीरे-धीरे कार्य करते रहे, तो आप पालि भाषा तथा परियत्ति मार्ग में आगे बढ़ पायेंगे।
भगवान् बुद्ध के वचनों का रक्षण-पोषण करने के कारण इस भाषा को ‘पालि’ कहा जाता है। इसी कारण यह उनके वचनों की मां है। इस मायने यह हमारी भी मां है। इसकी रक्षा और पालन-पोषण हमारी सबकी संयुक्त जिम्मेदारी है। अतः हमें पालि का शिक्षण, प्रचार-प्रसार, अनुसन्धान और संवर्धन अवश्य ही करना चाहिए।
आपको टेलीग्राम के माध्यम से स्वयं शिक्षण-सामग्री (Self Learning Materials) के रूप में लिखित पाठ भेजे जायेंगे तथा इनके साथ Live Facebook या You tube Videos के Links भी भेजे जायेंगे. आप इनको देखकर भी सीखेंगे. शिक्षण-सामग्री के रूप में आपको चित्र, रेखाचित्र, वाक्यमाला, पीडीएफ फाईल्स भी प्रेषित की जायेंगी.
मेरा लक्ष्य आपसे संवाद स्थापित करते हुए पालि सीखाना है। अतः आपको ग्रुप में अपने अभ्यास को लिखकर Share करना होगा. आप धैर्य तथा समझदारी का परिचय देते हुए पालि सीखें.
हम यहाँ केवल पालि-भाषा का शिक्षण प्रदान करेंगे। इस शिक्षण के दौरान न तो पालि-साहित्य का इतिहास पढ़ाया जायेगा, ना ही इसकी प्राचीनता-नवीनता के चर्चे होंगे। इसमें दार्शनिक चर्चा भी नहीं होगी। अतः आप केवल और केवल पालि के व्याकरणांशों को सीखने का धैर्यपूर्वक प्रयास करें, पालि-भाषा सीखें और इसे दूसरों तक भी पहुँचायें।
सफलता मिलेगी ही...
आपका
- डॉ. प्रफुल्ल गड़पाल
8126485505
https://t.me/joinchat/MzrZlBvkNA4riQMo-hksKw
Pali Learning through Telegram App |
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