Bhadantacharya Buddhadatta Pali Promotion Foundation

एकादसो पाठो
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तं तथा एतं (वह तथा यह)
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प्रिय अध्येता मित्रो!
नमो बुद्धस्स!
‘पालि भाषा शिक्षण के इस पाठ में आपका अभिनन्दन है। अभी तक आपने ‘सो व एसो’ एवं ‘सा व एसा’ का भली प्रकार अध्ययन कर लिया है। अब आप ‘तं’ तथा ‘एतं’ का प्रयोग सीखेंगे।
जिस प्रकार दूर तथा समीप के लिए क्रमशः ‘सो व एसो’ पुल्लिंग में प्रयोग होते हैं; ‘सा व एसा’ स्त्रीलिंग में प्रयुक्त होते हैं-उसी प्रकार नपुंसकलिंग में ‘तं व एतं’ लगाये जाते हैं।
नपुंसकलिंग में ‘तं’ का प्रयोग दूर की वस्तु के लिए किया जाता है तथा ‘एतं’ का प्रयोग पास की वस्तु के लिए किया जाता है। इस पाठ को आप ध्यानपूर्वक सीखें।
इसके पूर्व नपुंसकलिंग के शब्दों का प्रयोग आपने पूर्व पाठों में नहीं किया है। अतः इन नवीन शब्दों को अच्छी प्रकार स्मरण करें तथा वाक्यों में प्रयोग भी करें।
सबसे पहले हम दूर के अर्थ में प्रयुक्त होने वाले ‘तं’ सर्वनाम का प्रयोग देखते हैं। जैसे-
तं कमलं (वह कमल)
तं नगरं (वह नगर)
तं घरं (वह घर)
तं जलं (वह जल)
तं धनं (वह धन)
इसी प्रकार समीप के लिए प्रयोग किये जाने वाले ‘एतं’ सर्वनाम का प्रयोग निम्न प्रकार से किया जाता है-
एतं तीरं (यह तीर/किनारा)
एतं फलं (यह फल)
एतं रथं (यह रथ)
एतं आसनं (यह आसन)
एतं हदयं (यह हृदय)
एतं मुखं (यह मुख)
अब आप जान ही गये होंगे कि पालि में नपुंसकवाची ‘तं’ तथा ‘एतं’ - इन सर्वनामों का प्रयोग क्रमशः ‘वह’ और ‘यह’ इस अर्थ में किया जाता है। इनका प्रयोग इस प्रकार होता है-
(दूर के लिए) - तं।
जैसे - तं आसनं।
(समीप के लिए) - एतं।
जैसे - एतं उपवनं।
इसी प्रकार नीचे सूची में दिये गये शब्दों तथा पूर्व में सीखें हुए शब्दों के आधार पर नपुसंकलिंग सर्वनाम शब्दों ‘तं’ एवं ‘एतं’ की मदद से 50 वाक्य-द्वयं बनाकर अपना अभ्यास परिपुष्ट करें।
जैसे-
दूर - समीप
तं अम्बं - एतं पुप्फं
(वह आम) - (यह पुष्प/फुल)
तं द्वारं - एतं मुखं
तं वाहनं - एतं विमानं
तं धम्मपदं - एतं थेरापदानं
अब आप नीचे दिये गये शब्दों को ध्यानपूर्वक पढ़ें तथा याद करें-
सद्दसूची (शब्द-सूची)
नगरं - शहर
रट्ठं - राष्ट्र
वनं/अरञ्ञं - जंगल
घरं - घर
पण्णं - पर्ण
मूलं - जड़
तीरं - किनारा
जलं - जल
कग्गजं - कागज
खीरं/दुद्धं - दूध
धञ्ञं - धान
सुवण्णं - सोना
नेत्तं - आँख
मत्थकं - मस्तक
सोतं - कान
मुखं - मुख/मुँह
आसनं - आसन
हदयं - हृदय
मञ्चं - चारपाई
भत्तं - भात
धनं - धन
पत्तं - पत्र/पत्ता
उपधानं - तकिया
पिट्ठं - पृष्ठ/पेज
चित्तं - चित्र
उपनेत्तं - चश्मा
वीजनं - पंखा
सासनावरणं - लिफाफा
पवत्तिपत्तं - समाचार-पत्र
अम्बं - आम
रेलट्ठानकं - रेल्वे स्टेशन
चलचित्तघरं - सिनेमा
पुलिस-ठानं - पुलिस-थाना
डाक-घरं - डाकघर
रथं - रथ
फलं - फल
विमानं - एयरो प्लेन
अब आप इन शब्दों को भली प्रकार बिना वर्तनियों (मात्राओं) में परिवर्तन किये ठीक तरह से याद करें। आने वाले पाठों में इन शब्दों की बहुत आवश्यकता होगी।
कोरोना महामारी के इस दौर में अधिक से अधिक ध्यान-भावना करें तथा धम्म-साहित्य का अध्ययन करें।
घर में ही रहें। सुरक्षित रहें। बार-बार अपने हाथों को धोते रहे। अपना तथा अपनों का ध्यान रखें।
!!! भवतु सब्बमंगलं !!!
सबका मंगल हो
साधुवादो
- डा. पप्फुल्ल-गडपालो
81264 85505

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