ध्येय
(Mission)
भारत की आधुनिक भाषाओं तथा संस्कृति में विस्मृत पालि-तत्त्वों के गवेषण द्वारा इसे लोक-व्यापी स्वरूप प्रदान करना;
मानविकी तथा विज्ञान के विविध विषयों को पालि-विद्या से जोड़ते हुए उनमें अन्तर्विषयक अध्ययन तथा अनुसन्धान को समसामयिक बनाना तथा विस्तारित करना;
पालि-विद्या की ज्ञान-प्रणालियों में कल्याणकारी एवं वैज्ञानिक तत्त्वों का गवेषण, संवर्धन और समुन्नयन तथा इन ज्ञान-प्रणालियों का नैतिक व सांस्कृतिक-विरासतों के साथ अन्तःसम्बन्ध स्थापित करते हुए सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के उपकरणों के माध्यम से इनकी विश्वव्यापी उपलब्धता सुनिश्चित करना।
विभिन्न साधनों एवं वैज्ञानिक तरीकों से पालि-विद्या के अध्ययन, अनुसन्धान, संवर्धन और प्रचार-प्रसार को विश्वव्यापी बनाते हुए विहारों का शिक्षाकरण करना; ताकि ज्ञानाधारित समाज का निर्माण किया जा सके तथा आगामी पीढ़ी को शिल्प-कलाओं एवं विविध कौशलों में दक्ष बनाया जा सकें।
समय-समय पर समाज-कल्याण के कार्य करना - यथा-वृक्षारोपण, रक्त-दान शिविर, आपदाओं के समय सहायता प्रदान, विकास कार्य करना इत्यादि।
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