Bhadantacharya Buddhadatta Pali Promotion Foundation

प्रमुख कार्य 
(Main Functions)
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‘भदन्ताचार्य बुद्धदत्त पालि संवर्धन प्रतिष्ठान’ अपनी दृष्टि और ध्येय की स्पष्टता के साथ अपने उद्देश्यों एवं लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए निम्नलिखित प्रमुख कार्यक्रमों, गतिविधियों एवं क्रियाकलापों में संरत है-

(1) पालि-सम्भाषण का जन-जन में प्रचार,

(2) ‘पालि-सम्भासन-पसिक्खण-अज्झयनसाला’ (Training school on Spoken Pali) का संयोजन तथा आयोजन,

(3) ‘पालि-सम्भासन-साला’ (Center of Spoken Pali) की स्थापना,

(4) ‘धम्म-पालि-सम्भासन-साला’ (Dhamma Pali School) की स्थापना,

(5) पालि-भाषा का शिक्षण-प्रशिक्षण प्रदान करना,

(6) धम्म-पालि-शिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान करना,

(7) पालि-भाषा का सोशल मीडिया के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान करना,

(8) स्थानीय केन्द्रों (धम्म-पालि-अज्झयनसाला) के माध्यम से पालि का जन-प्रचार,

(9) पालि-भाषा के स्वाध्याय-पाठ्यक्रमों का निर्माण एवं प्रकाशन,

(10) Pali Darshan Youtube Channel के माध्यम से पालि-प्रचार

(11) बच्चों के लिए पालि-भाषा के पाठ्यक्रमों का निर्माण एवं प्रकाशन,

(12) पालि का स्वतन्त्र-विषयों के साथ सह-सम्बन्ध बनाते हुए अन्तःअनुशासनिक पाठ्यक्रमों का निर्माण,

(13) दूरस्थ एवं पत्राचार पाठ्यक्रमों का निर्माण एवं संचालन,

(14) बुद्ध-विहारों को पालि-विद्या से जोड़कर पालि-क्रान्ति का निर्माण,

(15) पालि आधारित पर्वों का आयोजन एवं प्रचार,

(16) पालि एप्स तथा साफ्टवेयर्स का निर्माण एवं आॅन लाइन पालि शिक्षण,

(17) शोध-सम्मेलनों, संगोष्ठियों, व्याख्यानमालाओं एवं परिचर्चाओं का आयोजन,

(18) छात्रा-छात्राओं के लिए पालि-आधारित शैक्षणिक स्पर्धाओं का आयोजन,

(19) पालि की पत्रिकाओं एवं जर्नल्स का सम्पादन एवं प्रकाशन,

(20) पालि-भाषा, विज्ञान एवं तकनीकी का समन्वयन करते हुए विकास-कार्य करना,

(21) पालि-भाषा सीखाने हेतु कम्प्यूटर द्वारा भाषा-प्रौद्योगिकी का पाठ्यक्रम संचालित,

(22) पालि-भाषा के अप्रकाशित, दुर्लभ, आधुनिक साहित्य तथा जर्नल्स का योग्य सम्पादन तथा प्रकाशन,

(23) आधुनिक पालि साहित्य का सम्पादन और प्रकाशन,

(24) पालि के विद्वानों का सम्मान,

(25)  विशिष्ट पालि सेवा सम्मान प्रदान करना,

(26) विशिष्ट पालि व्याख्यानमाला Special lecture series on Pali) का आयोजन करना,

(27)‘पालि-पदस्सिनी’ (Exhibition on Pali) का आयोजन,

(28) पालि-विद्या की विविध-विधाओं का स्वतन्त्र-शाखाओं (Independent branches) के रूप में विकास,

(29) पालि-भाषा के माध्यम से संस्कृति निर्माण सम्बन्धी कार्य करना,

(30) समान उद्देश्य पर कार्य करने वाली संस्थाओं के मध्य सामंजस्य

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