Bhadantacharya Buddhadatta Pali Promotion Foundation

पाठ्यक्रम-सम्बन्धी विवरण
(Program Details)

(1) सभी पाठ्यक्रम 6-6 माह की अवधि के क्रम में अध्यापित किये जायेंगे। 
(2) पाठ्यक्रम का माध्यम हिन्दी, मराठी तथा अंग्रेजी भाषा होंगे।
(3) सभी पाठ्यक्रम जुलाई, 2020 से आरम्भ होंगे।
(4) इस पाठ्यक्रम को आप घर बैठकर कर सकते हैं।
(5) ये सभी पाठ्यक्रम अनौपचारिक है तथा सामाजिक-पालि (Social Pali) के आधार पर रचे गये हैं।
(6) इन पाठ्यक्रमों में पालि के व्याकरण को अत्यन्त सरल-सहज, आकर्षक और वैज्ञानिक रीति से पढ़ाया जाता है।
(7) ‘सरल से कठिन की ओर’ तथा ‘ज्ञात से अज्ञात की ओर’ इस प्रविधि के द्वारा पालि-तिपिटक के विविध अंशों का इन पाठ्यक्रमों में अध्यापन किया जाता है।
(8) इन पाठ्यक्रमों का अध्ययन करने के पश्चात् अध्येता भाषा के विविध स्तर पर भाषा में दक्षता हासिल करता है।
(9) पालि की गाथाओं तथा सुत्तों को सिलसिलेवार ढंग से पढ़ाये जाने के कारण अध्येता द्वारा ‘परित्त-पाठ’ को बिना किसी अनुवाद के समझा-समझाया जा सकता है।
(10) क्रमिक अध्ययन के द्वारा आप पालि-भाषा में उपलब्ध सुत्तों और गाथाओं का अवबोध और अनुवाद कर सकते हैं ।
(11) पाठ्यक्रम की समाप्ति पर भदन्ताचार्य बुद्धदत्त पालि संवर्धन प्रतिष्ठान अपने स्तर का एक अनौपचारिक प्रमाण-पत्र भी प्रदान किया जाता है, किन्तु हम मानते हैं कि इस पाठ्यक्रम के अध्ययन से आपके द्वारा प्राप्त ज्ञान ही सबसे बड़ा प्रमाण है।
(12) इस पाठ्यक्रम में पत्राचार-शिक्षण (Correspondence education), दूरस्थ-शिक्षा (Distance education) तथा आभासी-शिक्षण (Virtual education) के मिश्रित स्वरूप के माध्यम से पालि-भाषा का व्याकरण, भाषा-विज्ञान के सिद्धान्त, पालि-तिपिटक को समझने के प्रमुख सिद्धान्त तथा रचनात्मकता-अभिवर्धन से व्यवहारिक कौशल प्रदान किया जाता है। डिजीटल-शिक्षण (Digital education) के इस स्वरूप से निश्चित ही अध्येता को पालि-भाषा तथा साहित्य से सम्बन्धित पाठ्य को सीखने में अनेकविध सुविधा प्राप्त होती है।
(13) मुद्रित-स्वाध्याय सामग्री (Printed Self Learning Materials-SLM), सम्पर्क-कक्षा (Contact classe), दृश्य-श्रव्य सामग्री (Audio Visual Aids), प्रदत्त-कार्य (Assignments) तथा साक्षात् सम्पर्क (Direct contacts) के माध्यम से अनुदेश प्रदान किये जायेंगे तथा आवश्यक शिक्षण-सहकार प्रदान किया जा सकेगा।
(14) सोशल-मीडिया के विविध संसाधनों का प्रयोग करते हुए समय-समय पर सम्पर्क-कक्षाओं (Contact classes) का आयोजन किया जायेगा, ताकि समुचित रीति से अवबोधन प्रदान किया जा सके।
(15) 6 माह के पाठ्यक्रम की समाप्ति पर परीक्षा का आयोजन किया जायेगा, जिसके विषय में यथाकाल सूचना प्रदान की जायेगी।

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