Bhadantacharya Buddhadatta Pali Promotion Foundation

(ii) पालि-ञाण-पाठचरिया 
(पालि-ज्ञान-पाठ्यक्रम/Pali Cognition Course)

इस चरण के अन्तर्गत प्रथम सोपान से उच्चतर यानि समध्कि कठिन तथा अज्ञात व्याकरणांशों का अध्यापन किया जायेगा। इसमें भी सरल तरीके से उन अंशों का चित्रों के माध्यम से उपस्थापन किया जा सकेगा। इसमें इकारान्त व उकारान्त पुल्लिंग, इकारान्त, ईकारान्त, उकारान्त तथा ऊकारान्त इत्थिलिंग तथा इकारान्त व उकारान्त नपुंसकलिंग शब्दों का शिक्षण किया जायेगा। इसके साथ ही साथ पञ्चमी (आज्ञार्थक) तथा सत्तमी के प्रयोग भी सीखाये जायेंगे। इसमें अवशिष्ट अव्ययों व सब्बनाम-शब्दों का भी शिक्षण किया जायेगा।

प्रत्येक पाठ के अन्त में सरल ‘अभ्यास’ के द्वारा अध्येता के ज्ञान को परिपुष्ट और सुस्थिर करने का प्रयास किया जायेगा।

इसका उद्देश्य पालि की गाथाओं और सुत्तों को समझने सहित सभी प्रकार के मनोभावों तथा विचारों की सक्षम तथा प्रभावपूर्ण अभिव्यक्ति देने की क्षमता का विकास करना होगा।

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