पञ्चमो पाठो
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प्रिय अध्येता मित्रो!
नमो बुद्धस्स!
‘पालि भाषा शिक्षण के इस पाठ के माध्यम से हम आपका हार्दिक स्वागत करते हैं।
अब तक आपने पालि में परिचय करना भली प्रकार से सीख लिया है। आपने अपना नाम बताना इस प्रकार से सीखा है-
अहं पप्फुल्लो
इसके पश्चात् आप दूसरों से परिचय इस प्रकार पूछ सकते हैं-
भवं को? (आप कौन है?) पुरुष-वर्ग के लिए
तथा
भोति का? (आप कौन है?) स्त्री-वर्ग के लिए।
आप जान ही गये होंगे कि नाम के साथ ‘ओ’ प्रत्यय लगाया जाता है। जैसे-
गोतमो
‘गोतमो’ = गोतम+ओ
अतः प्रश्न पूछते समय भी ‘को’ का प्रयोग किया जाता है।
को+ओ
यानि दोनों शब्दो में ‘ओ’ का ही प्रयोग करें।
इसी प्रकार महिलाएँ भी अपना परिचय इस प्रकार दे सकती हैं-
अहं पूजा
इसमें भी अन्त में ‘आ’ आया है।
प्+ऊ+ज्+आ
अतः प्रश्न पूछते समय भी ‘भोति का’ इस प्रकार प्रयोग किया जाना चाहिए। दोनों ही शब्दों में ‘आ’ का प्रयोग किया जाना चाहिए।
अस्तु, अब इस क्रम को आगे बढ़ाते हुए हम अपने विषय में कुछ और अधिक बातों को सबके समक्ष उद्घाटित करेंगे। जैसे-
अहं पप्फुल्लो - अहं आचरियो
(आचरियो = आचार्य)
आप (पुरुष-वर्ग) भी जिस किसी व्यवसाय से जुड़े हैं, निम्नोक्त सूची को पढ़कर ‘अहं’ के पश्चात् लगाये-
आचरियो = आचार्य
कलाकारो = कलाकार
लेखको = लेखक
सम्पादको = सम्पादक
अज्झापको = अध्यापक
सिक्खको = षिक्षक
कस्सको = कृषक
इसी प्रकार स्त्री-वर्ग भी ‘अहं’ के पश्चात् निम्न प्रकार से व्यवसाय को लगाये। यथा-
अहं लेखिका
लेखिका = लेखिका
आचरिया = आचार्या
कलाकारा = कलाकारा
सम्पादिका = सम्पादिका
अज्झापिका = अध्यापिका
सिक्खिका = षिक्षिका
कस्सिका = कृषिका
अब आप ग्रुप में ‘अहं’ के साथ अपने व्यवसाय को भी लिखें। जैसे-
अहं अमितो - अहं कलाकारो
तथा
अहं रोझा - अहं अज्झापिका
साथ ही एक चित्र दिया जा रहा है। इसे ध्यान से देखकर व्यवसाय को समझे तथा ग्रुप में इस प्रकार कमेंट करें-
अहं.......................... अहं ..........................
मित्रो! बहुत ही अच्छा अवसर मिला है अभ्यास करने का, इसका लाभ लें।
घर में ही रहें। सुरक्षित रहें। बार-बार अपने हाथों को धोते रहे। अपना ध्यान रखें तथा अपनों का ध्यान रखें।
!!! भवतु सब्बमंगलं !!!
सबका मंगल हो
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