परिचय
भदन्ताचार्य बुद्धदत्त पालि संवर्धन प्रतिष्ठान एक अशासकीय शैक्षणिक, धम्मिक और सामाजिक संगठन है। यह प्रतिष्ठान पूर्णतः अलाभकारी संगठन है। इसकी संस्थापना 14 अक्टूबर, 2011 को सोगतगेहं, उमरी, कटंगी, जिला-बालाघाट (मध्यप्रदेश) में डाॅ. प्रफुल्ल गड़पाल के नेतृत्व, दिशा-निर्देशन तथा संकल्पना द्वारा बुद्ध-धम्म तथा पालि-भाषा के वैश्विक प्रचार-प्रसार तथा संवर्धन की दृष्टि से किया गया। प्रतिष्ठान के निर्माण के साथ ही इसके द्वारा ‘धम्म-सन्देश’ नामक पत्रिका का प्रकाशन आरम्भ किया गया, जिसमें भगवान् बुद्ध की मानवतावादी शिक्षा को मौलिक रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास किया जा रहा है। इस पत्रिका के प्रकाशन का मुख्य ध्येय भगवान् बुद्ध की शिक्षाओं का मौलिक रूप में प्रस्तुतीकरण करना रहा है।प्रतिष्ठान भारत की प्राचीन और शास्त्रीय भाषा ‘पालि’ के अध्ययन, अनुसन्धान, उन्नयन तथा विकास के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाओं, परियोजनाओं और कार्य-प्रणालियों का निर्माण करता है तथा अपने सदस्यों के सहकार से उनका कार्यान्वयन करता है।
पालि भाषा के अन्तर्राष्ट्रीय भाषा होने तथा वैश्विक-स्वरूप को देखते हुए भदन्ताचार्य बुद्धदत्त पालि संवर्धन प्रतिष्ठान द्वारा सम्पूर्ण भारत के साथ-साथ पालि-भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए विदेशों में भी कार्य करेगा।
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